हरिद्वार को छोड़कर राज्य के बाकी 12 जिलों में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के आरक्षण के लिए बुधवार को पंचायतीराज निदेशालय ने जिलाधिकारियों को पदों की संख्या का ब्योरा भेजा। अब जिलों को इन पदों पर आरक्षण देना होगा।
इन जिलों की त्रिस्तरीय पंचायतों में 66420 पदों (ग्राम प्रधान, ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य) पर सीधे चुनाव होना है। 47.32 लाख मतदाता इन लोगों को चुनेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख दोनों क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग भी पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त है। आयोग ने पंचायतों में पदों के आरक्षण की जानकारी प्राप्त करने के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।
आज आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम संस्करण
सभी बारह जिलों में पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया को देखते हुए आरक्षण के प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं। इन्हें शुक्रवार को अंतिम रूप दिया जाएगा। 14 जून को आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम संस्करण प्रकाशित होगा। दो दिनों के बाद आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी और अगले दो दिनों में उनका समाधान किया जाएगा।
आरक्षण प्रस्तावों का अंतिम प्रकाशन 18 जून को होगा। 19 जून को पंचायती राज निदेशालय को ये प्रस्ताव दिखाए जाएंगे। इन्हें शासन और राज्य निर्वाचन आयोग को इसी दिन निदेशालय से भेजा जाएगा।
33210 महिला प्रतिनिधि चुनी जाएंगी
उत्तराखंड की त्रिस्तरीय पंचायतों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण मिलता है। इस प्रकार, सीधे चुनाव चार पदों पर होंगे, जिसमें 332,10 महिला प्रतिनिधि चुनी जाएंगी।
इन पदों पर होना है चुनाव
पद – संख्या
ग्राम प्रधान 7499
ग्राम पंचायत सदस्य 55589
क्षेत्र पंचायत सदस्य 2,974
जिला पंचायत सदस्य 358
पंचायतों में जिलेवार मतदाता
ऊधम सिंह नगर जिले में 7,39,899 मतदाता हैं।टिहरी ने 5,92,176 की जनसंख्या हासिल की, अल्मोड़ा ने 5,46,682 की, देहरादून ने 5,35,168 की, पौड़ी ने 4,32,743 की, नैनीताल ने 4,27,371 की, पिथौरागढ़ ने 3,41,140 की, चमोली ने 2,82,805 की, उत्तरकाशी ने 2,42,110 की, रुद्रप्रयाग ने 2,03,701 की, बागेश्वर ने 2,03,522 की, चंपावत ने 1,85,070 की जनसंख्या हासिल की।
राज्य निर्वाचन आयोग की पंचायत चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। पंचायतों में आरक्षण की मांग मिलने के बाद राज्य सरकार से चर्चा कर इस दिशा में आगे की कार्रवाई की जाएगी। – सुशील कुमार, राज्य निर्वाचन आयुक्त